अलीगढ़, अक्टूबर 13 -- अलीगढ़। बेटे की मौत की जानकारी मिलते ही मां के पैरों तले जमीन खिसक गई। वह खुद को संभाल नहीं पाई। बिलखती मां के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। उनका रो-रोकर बुरा हाल था। वह बार-बार एक ही बात दोहरा रही थी कि बेटे की लाश के बदले उन्हें लाश चाहिए। हालांकि जैसे-जैसे गांव की अन्य महिलाओं ने उनको संभाला। करन तीन भाईयों में मझले थे। पिता की दो साल पहले बीमारी से मौत हो चुकी है। घटना के बाद करन की मां महारानी ने तहरीर दी। इसमें कहा है कि रात साढ़े नौ बजे करन को मोहल्ले का इदरीश पुत्र डॉ. अब्दुल सलाम अपने घर ले गया। साढ़े 11 बजे इदरीश के अलावा नफीस खां पुत्र डॉ. अब्दुल सलाम, अशद पुत्र नफीस खां, अयान पुत्र शमशाद खां, अनस पुत्र नफीश खां, अरमान पुत्र इदरीश, अल्तमश पुत्र नफीस खां, चांद पुत्र शमशाद खां आदि ने मिलकर बेटे की छुरा से...