रांची, अप्रैल 9 -- रांची में मुवक्किल को अपने केस के पैरवीकार वकील को नियुक्त करने के पहले उनकी काबिलियत को सुनिश्चित करने के बाद ही मामले को सौंपना होगा। ऐसा नहीं करने पर बाद में परेशानी का सबब बन सकता है। पैरवीकार वकील से आप असंतुष्ट है और बदलना चाहते हैं तो इसके लिए 'नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट' (एनओसी) लेने के बाद ही बदल सकेंगे। बिना एनएओसी के दूसरे पैरवीकार को नियुक्त करते हैं, तो उस अधिवक्ता की मुश्किल में पड़ सकते हैं। वहीं जो अधिवक्ता केस देख रहे हैं वो एनओसी देने से मना करते हैं और उनके खिलाफ कोई आवेदन आता है तो बार एसोसिएशन की कमेटी उस पर तत्काल निर्णय लेगी। दोनों स्थिति में मुवक्किल की परेशानी बढ़नेवाली है। बिना एनओसी के ही सिविल कोर्ट में बदले जा रहे पैरवीकार से संबंधित लगातार मिल रही शिकायत के बाद कमेटी को सख्त कदम उठाना पड़ा है।...
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