सिद्धार्थ, सितम्बर 2 -- भनवापुर। क्षेत्र के बिजवार बढ़ई गांव में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन रविवार रात कथावाचक नितेशाचार्य ने बताया कि माता सती के पिता दक्ष ने एक यज्ञ किया था और उसमें अपने सभी संबंधियों को बुलाया। बेटी सती के पति भगवान शंकर को नहीं बुलाया। जब सती को यह पता चला तो उन्हें बड़ा दुख हुआ और उन्होंने भगवान शिव से उस यज्ञ में जाने की अनुमति मांगी। लेकिन भगवान शिव ने उन्हें यह कहकर मना कर दिया कि बिना बुलाए कहीं जाने से इंसान के सम्मान में कमी आती है। लेकिन माता सती नहीं मानी और राजा दक्ष द्वारा आयोजित यज्ञ में पहुंच गई। वहां पहुंचने पर सती ने अपने पिता सहित सभी को बुरा भला कहा और स्वयं को यज्ञ अग्नि में स्वाहा कर दिया। जब भगवान शिव को ये पता चला तो उन्होंने अपना तीसरा नेत्र खोलकर राजा दक्ष की समस्त नगरी तहस-नहस कर दी ...
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