जबलपुर, अप्रैल 29 -- मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक सिविल जज की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड से पता चला कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप साबित हुए हैं। आरोप गंभीर कदाचार के हैं। उन्होंने आपराधिक मुकदमों में बिना कोई फैसला लिखे आरोपियों को बरी कर दिया। बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक सिविल जज की बर्खास्तगी को बरकरार रखा। सिविल जज पर कम से कम तीन मामलों में बिना कोई निर्णय लिखे आरोपियों को बरी करने का आरोप था। मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने कहा कि इस तरह के गंभीर कदाचार को माफ नहीं किया जा सकता है। पीठ ने ऐसा कहते हुए सिविल जज वर्ग-II महेंद्र सिंह ताराम द्वारा 2014 में सेवा से हटाए जाने को चुनौती देने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा, "जब हमने रिकॉर...