पाकुड़, अक्टूबर 20 -- पाकुड़। शहर के ग्वालपाड़ा में स्थित नीम तल्ला में मां आनंदमयी काली मंदिर जिसकी अनोखी कहानी है। प्रतिमा के स्थान पर मंदिर परिसर में मौजूद एक प्राचीन नीम के पेड़ की पूजा होती है, जिसे मां काली की छाया माना जाता है। यह मंदिर 300 वर्षों से अधिक समय से आस्था का केंद्र है और पारंपरिक पूजा-अर्चना की जाती है, लेकिन मूर्ति के बजाय नीम के पेड़ को ही मां के रूप में पूजने की अनूठी परंपरा है। मंदिर के भीतर एक विशाल नीम का पेड़ है, जिसे मां काली की छाया माना जाता है। पूजा-अर्चना इसी पेड़ की होती है। स्थानीय बुजुर्गों ने बताया यहां पर बिना प्रतिमा का मां काली की पूजा अर्चना की जाती है और यह पूजा दीपावली की रात होती है। कभी यहां नीम के पेड़ के अलावा जंगल झाड़ हुआ करते थे स्थानीय लोगों ने बताया कि उसे पेड़ के नीचे खून के धब्बे हुआ करत...
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