नई दिल्ली, जून 11 -- नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि 'अपंजीकृत बिक्रीनामा के जरिए खरीदे गए संपत्ति पर मालिकाना हक नहीं मिलता है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि चूंकि, अपंजीकृत बिक्रीनामा वैध मालिकाना हक प्रदान नहीं करता है, इसलिए संपत्ति से बेदखल किए जाने पर रोक नहीं लगा सकते हैं। जस्टिस सुधांशु धूलिया और के. विनोद चंद्रन की पीठ ने तेलंगाना उच्च न्यायालय के दो जजों की पीठ के फैसले को रद्द करते हुए यह फैसला सुनाया। पीठ ने कहा कि जहां तक मौजूदा मामले का सवाल है, 1982 में किया गया बिक्रीनामा पंजीकृत नहीं था, इसलिए इसे (बिक्रीनामा) प्रतिवादी यानी संपत्ति खरीददार को संबंधित संपत्ति पर वैध मालिकाना हक प्रदान करने वाला नहीं कहा जा सकता है। साथ ही कहा कि ऐसे में हम प्रतिवादियों को संपत्ति से बेदखल करने से सुर...