मुजफ्फर नगर, जुलाई 20 -- श्री श्यामा श्याम मंदिर में चल रही शिवपुराण कथा में पंडित जगमोहन भारद्वाज ने बताया कि दक्ष प्रजापति ने यज्ञ का आयोजन किया, जिसमें शिव और पुत्री सती को आमंत्रण नहीं दिया। सती पिता के यज्ञ में बिना निमंत्रण गई। वहां उन्होंने देखा दक्ष ने शिव का अपमान किया है। माता सती शिव निंदा नहीं सुन सकी और स्वयं तप की अग्नि में दाह कर लिया। जब शिव ने वहां पहुंच कर सती के शव को कंधे पर उठा ब्रह्मांड में विचरने लगे तो श्री हरि ने सुदर्शन से सती के शरीर के टुकड़े किए। वह टुकड़े जहां-जहां गिरे, वहां शक्तिपीठ बने। माता के 51 शक्तिपीठ बने हैं। कथा में शिव द्वारा जलंधर के वध, चंद्रचूड वध की कथा प्रसंग विस्तार से सुनाया। कथा में मोहित संगल, मोनिका संगल, हरीश गोयल, ललित अग्रवाल, अमरनाथ प्रजापति, चंद्रप्रकाश गर्ग, प्रदीप गर्ग का सहयोग रहा।...