प्रयागराज, जुलाई 26 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिना धर्म बदले विपरीत धर्म के लोगों की शादी को वैध विवाह नहीं माना और कहा कि यह कानून का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा कि आर्य समाज मंदिर में कानून का उल्लंघन कर नाबालिग लड़की का शादी प्रमाणपत्र जारी किया जा रहा है। साथ ही नाबालिग लड़की का अपहरण कर आर्य समाज मंदिर में शादी करने वाले के खिलाफ आपराधिक मुकदमे की कार्यवाही रद्द करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने प्रदेश शासन के गृह सचिव को विपरीत धर्म के नाबालिग युगल को विवाह का प्रमाणपत्र देने वाली प्रदेश की आर्य समाज संस्थाओं की डीसीपी स्तर के अधिकारी से जांच कराने का निर्देश दिया है और अनुपालन रिपोर्ट मांगी है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार ने सोनू उर्फ सहनूर की याचिका पर दिया है। याची का कहना था कि उसके खिलाफ महाराजगंज के निचलौल थाने में अपहरण, रे...