अंबेडकर नगर, फरवरी 20 -- अम्बेडकरनगर, संवाददाता।शिवबाबा धाम में चल रही रामकथा में गुरुवार को कथा सुनने के लिए श्रोताओं की भीड़ उमड़ी। चौथे दिन सती चरित्र के साथ भगवान शिव की कथा सुनाई गई। कथा में व्यास मानस मर्मज्ञ बजरंग दास ने मां पार्वती के जन्म, कामदेव के भस्म होने और भगवान शिव के विवाह के लिए सहमत होने की मनभावन कथा सुनाई। बाबा बजरंग दास ने कहा कि राजा दक्ष प्रजापति ने भगवान शंकर का अपमान करने के लिए महायज्ञ का आयोजन किया था। जिसमें उसने भगवान शिव को छोड़कर समस्त देवताओं को आमंत्रण भेजा। भगवान शंकर के मना करने के बाद भी सती ने अपने पिता के यहां जाने की इच्छा जताई तो भगवान शंकर ने बिना बुलाए जाने पर कष्ट का भागी बनने की बात कही। इसके बाद भी सती नहीं मानी और पिता के घर चली गईं। पिता की ओर से भगवान शंकर के अपमान पर सती ने हवन कुंड में कू...