लखनऊ, सितम्बर 16 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बिजली व्यवस्था में सुधार देखते हुए निजीकरण का प्रस्ताव निरस्त करने की मांग की है। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने यूपी की बिजली व्यवस्था में अप्रत्याशित सुधारों पर बात की। उन्होंने बिजली की तकनीकी और वाणिज्यिक हानि में निरंतर कमी की सराहना की है। शैलेंद्र दुबे ने कहा कि जब एटीएंडसी हानियों में गुणात्मक कमी आई है तो आखिर निजीकरण क्यों किया जा रहा है। यूपी में पहले ही आगरा और ग्रेटर नोएडा के निजीकरण के प्रयोग असफल रहे हैं। लिहाजा पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों का निजीकरण प्रस्ताव रद्द किया जाना चाहिए।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रका...