लखनऊ, जून 13 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण में बिजली बिल वसूली में सुधार न होने को अहम वजह बताया जा रहा है। हालांकि, शुक्रवार को राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बीते चार साल के आंकड़ों का हवाला देते हुए इसमें सुधार का दावा किया है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पावर कॉरपोरशन की ऑडिटेड बैलेंस शीट के आंकड़े वर्ष 2020-21 से वर्ष 2023- 24 तक इजाफे की गवाही दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन वसूली के आंकड़ों में लगातार हेरफेर क्यों कर रहा है, इसकी जांच की जानी चाहिए। वित्तीय वर्ष पूर्वांचल दक्षिणांचल 2020-21 85.14% 92.86% 2021-22 74.37% 92.75% 2022-23 88.36% 96.87% 2023-24 104.03% 98.09%

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