बुलंदशहर, फरवरी 4 -- बिजली निजीकरण के विरोध में इंजीनियर के साथ कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। लगातार सभाओं के साथ प्रदर्शन कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि निजीकरण के लिए संविदा कर्मियों को बड़े पैमाने पर हटाने की कार्रवाई से भारी रोष है। जब तक निजीकरण का प्रस्ताव वापस नहीं लिया जाएगा। तब तक आंदोजन जारी रहेगा। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर बिजली कर्मचारी रोजाना चीफ इंजीनियर कार्यालय पर विरोध सभा कर बिजली निजीकरण का विरोध कर रहे हैं। संघर्ष समिति के संयोजक कामरेड सुरेंद्र सिंह ने वर्ष 2019 के एक आदेश का हवाला देते कहा कि 55 वर्ष की आयु पूरी करने वाले संविदा कर्मचारियों को हटाया जा रहा है। यह पूरी तरह गलत है और निजीकरण के पहले भय का वातावरण बनाने के लिए किया जा रहा है। इस उम्र के संविदा कर...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.