मेरठ, जून 14 -- बिजली निजीकरण के विरोध में संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले शनिवार को भी आंदोलन जारी रहा। संघर्ष समिति ने ऊर्जा मंत्री और प्रबंधन से पांच नये सवाल पूछे। इसी के साथ 22 जून की लखनऊ में होने वाली महापंचायत में बिजली कर्मियों के परिवार भी शामिल होंगे। संघर्ष समिति पदाधिकारियों ने कहा कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड कई निजी घरानों से बहुत महंगी दरों पर बिजली खरीद रहा है। निजीकरण के निर्णय के बाद यह पता चला है कि अगले वित्तीय वर्ष के लिए सबसे सस्ते बिजली क्रय करार आवंटित किए गए हैं। निजीकरण के ठीक पहले पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की सबसे सस्ते पावर परचेज एग्रीमेंट आवंटित करना क्या प्रस्तावित निजीकरण के बाद निजी घरानों की परोक्ष रूप से मदद करना नहीं है?
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