ललितपुर, नवम्बर 28 -- ललितपुर/कल्यानपुरा। राज्य सरकार की ओर से जारी रोस्टर के मुताबिक शहरों में 24 और गांवों में 18 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही हो लेकिन जमीनी हकीकत से इसका कोई लेनादेना नहीं है। शहर में तो फिर भी गलीमत है लेकिन गांवों में 18 घंटे विद्युत आपूर्ति किसी सपने से कम नहीं है। सच्चाई यह है कि गांवों में किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए चार से पांच घंटे विद्युत मिल पा रही है। जिसकी वजह से फसलों को सींचना बेहत मुश्किल हो गया है। इस समस्या से जूझ रहे किसानों ने आप के अपने हिन्दुस्तान से बातचीत करते हुए बताया कि बुंदेलखंड स्थित ललितपुर जनपद का प्रमुख पेशा खेतीबाड़ी है। यहां सवा तीन लाख हेक्टेयर में रबी और तीन लाख हेक्टेयर में खरीफ फसल बोई जाती है। खरीफ फसल को यहां असिंचित श्रेणी में रखा गया है जबकि रबी की श्रेणी सिंचित है। इस बार...
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