लखनऊ, अगस्त 5 -- बिजली की नई दरें तय करने के लिए हुई सुनवाई में बिजली दरों में कमी और प्रस्तावित निजीकरण रद्द किए जाने की मांग पर आयोग ने बिजली कंपनियों से रिपोर्ट तलब की है। बिजली कंपनियों की तरफ से पावर कॉरपोरेशन ने दरों में इजाफे का प्रस्ताव दिया था जबकि राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद और अन्य उपभोक्ताओं ने मौजूदा दरों में कमी की मांग रखी थी। उपभोक्ता परिषद ने मांग की थी कि उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 33,122 करोड़ रुपये बकाया है। लिहाजा मौजूदा बिजली दरों में एकमुश्त 45% की कमी की जाए या अगले पांच वर्षों तक हर साल 9% कमी करके उपभोक्ताओं को राहत दी जाए। बीते महीने नियामक आयोग ने बिजली की नई दरें तय करने के लिए सभी बिजली कंपनियों के प्रस्तावों पर खुली सुनवाई की थी। सुनवाई में बिजली दरों में कमी किए जाने और निजीकीरण की प्रक्रिया रद्द किए ...
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