लखनऊ, नवम्बर 23 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता। लगातार छठे वर्ष भी उत्तर प्रदेश की बिजली दरों में कोई इजाफा नहीं हुआ। शनिवार को नियामक आयोग द्वारा जारी दरों के बाद विद्युत वितरण निगमों पर उपभोक्ताओं का बकाया बढ़कर 51 हजार करोड़ रुपये हो गया है। इतनी रकम बकाया होने की वजह से अब अगले कुछ साल तक बिजली दरें बढ़ने की संभावना कम हो गई है। लिहाजा अब बिजली कंपनियों को दरों में इजाफा करके अपनी आय बढ़ाने के बजाय, अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए अन्य विकल्पों पर विचार करना होगा। इनमें वितरण हानियां कम करना और बकाया बिजली बिल वसूली समेत अन्य तरीके हो सकते हैं। लगातार छठे साल भी बिजली दरों को स्थिर रखने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला और एकमात्र राज्य है। चूंकि वर्ष 2027 में विधान सभा चुनाव प्रस्तावित हैं, लिहाजा अगले साल भी दरों में इजाफे की उम्मीद कम ही ...