जमशेदपुर, जुलाई 19 -- झारखंड के कोल्हान क्षेत्र में हाथियों के जीवन के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं बिजली के लटकते तार और तेज रफ्तार ट्रेनें। पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां और पूर्वी सिंहभूम जिलों में फैले दलमा और सारंडा जैसे जंगल करीब 100 से ज्यादा हाथी रहते हैं। बिजली विभाग ने वर्षों पहले जंगल और बस्तियों के पास से गुजरने वाले तारों को ऊंचा करने की योजना बनाई थी, पर ज़मीनी हकीकत यह है कि आज भी कई इलाकों में हाईटेंशन तार जमीन से खतरनाक रूप से करीब हैं। 132 केवी के तारों की कम ऊंचाई और गांवों में बिछे अवैध बिजली बाड़ हाथियों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं। करंट से भी कई हाथियों की जान जा चुकी है। रेलवे की गति सीमित, पर पालन नहीं होता रेलवे ने भी हाथी गलियारों में ट्रेनों की गति 30-50 किमी/घंटे तक सीमित कर दी है, लेकिन इसका पालन अक्सर नहीं ह...