रांची, नवम्बर 7 -- रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने केंद्र सरकार द्वारा जारी ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) विधेयक 2025 को वापस लेने की मांग की है। फेडरेशन ने कहा है कि यह विधेयक बिजली क्षेत्र के निजीकरण का रास्ता खोल देगा और किसानों व घरेलू उपभोक्ताओं के लिए आत्मघाती साबित होगा। एआईपीईएफ चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने बताया कि विधेयक लागू हुआ तो दशकों में विकसित एकीकृत और सामाजिक रूप से संचालित बिजली व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी। लाभदायक वितरण और उत्पादन खंड निजी कंपनियों को सौंपे जाएंगे। घाटे और सामाजिक दायित्व सार्वजनिक क्षेत्र को उठाने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव सार्वजनिक हित के बजाय बड़े पैमाने पर निजीकरण, व्यावसायीकरण और केंद्रीकरण को बढ़ावा देगा, जिससे उपभोक्ताओं के अधिकार, राज्यों की संघीय संरचन...
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