लखनऊ, अक्टूबर 24 -- यूपी में नए बिजली कनेक्शन पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर अनिवार्य किए जाने और उसके एवज में 6016 रुपये वसूलने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इसके चलते उत्तर प्रदेश पॉवर कार्पोरेशन की मुसीबत बढ़ती दिख रही है। केंद्र सरकार ने आरडीएसएस योजना के तहत मौजूदा बिजली ढांचा को मजबूत करने, गैर विद्युतीकृत क्षेत्रों में विद्युतीकरण और बकाए की समस्या के समाधान के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के लिए कहा था। केंद्र ने कहा कि 18 हजार करोड़ रुपये से मौजूदा बिजली उपभोक्ताओं के मीटर बदल दिए जाएं। प्रदेश में 3.65 लाख के करीब बिजली कनेक्शन धारक उपभोक्ता हैं। केंद्र ने नए बिजली कनेक्शन को लेकर कोई निर्देश नहीं दिया था, वहीं दूसरी ओर पावर कार्पोरेशन ने टेंडर 18 की जगह 27 हजार करोड़ में कर दिए। तब तक स्मार्ट प्रीपेड मीटर की खरीद यूपी में हुई नहीं थ...