मिर्जापुर, फरवरी 14 -- मिर्जापुर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर गुरुवार को जनपद समेत प्रदेशभर में बिजली कर्मियों ने निजीकरण के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। जनपदों और परियोजना मुख्यालयों पर हुए इन प्रदर्शनों में बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं ने सरकार पर समझौतों के उल्लंघन का आरोप लगाया और निजीकरण की प्रक्रिया को तत्काल रोकने की मांग की। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि वे हमेशा से बिजली व्यवस्था में सुधार के पक्षधर रहे हैं। 5 अप्रैल 2018 और 6 अक्टूबर 2020 को तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के साथ हुए समझौतों में स्पष्ट लिखा था कि बिजली कर्मियों को विश्वास में लेकर ही सुधार किया जाएगा और बिना सहमति के कोई निजीकरण नहीं होगा लेकिन प्रबंधन ने इस समझौते की अनदेखी कर...