सोनभद्र, सितम्बर 16 -- अनपरा,संवाददाता। बिजली की तकनीकी और वाणिज्यिक हानि में निरंतर कमी के बावजूद बिजली निजीकरण की कवायद को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, औचित्यहीन करार देते हुए मुख्य मंत्री से निजीकरण का निर्णय तत्काल निरस्त करने की मांग की है। संघर्ष समिति ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन कथित घाटे का हवाला देते हुए पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की दलील दे रहा है। उसे पहले आगरा का फ्रेंचाइजी करार रद्द कर देना चाहिए,जिसके चलते पावर कारपोरेशन को प्रति वर्ष 1000 करोड रुपए का नुकसान हो रहा है । संघर्ष समिति ने कहा कि ए टी एंड डी हानियां के गलत आंकड़ों के कारण से टोरेंट पावर को बहुत सस्ती दरों पर पॉवर कॉरपोरेशन बिजली दे रहा जिससे विगत 14 वर्षों में 3432 करोड रुपए की हानि हो चुकी है। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि भीष...