लखनऊ, जून 19 -- बिजली कर्मचारियों ने गुरुवार को नियामक आयोग के दफ्तर के बाहर मौन विरोध प्रदर्शन किया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि निजीकरण के मसौदे पर अभिमत के लिए निजी घराने और पावर कॉरपोरेशन दबाव बना रहे हैं। इसके अतिरिक्त बिजली कर्मचारियों के उत्पीड़न की दृष्टि से किए गए बड़े पैमाने पर तबादलों के विरोध में वाराणसी में बिजली कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन सत्याग्रह शुरू कर दिया। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि दबाव की वजह से आयोग किसी भी समय अपना अभिमत दे सकता है। इसके विरोध में बिजली कर्मचारियों ने गुरुवार को विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान बिजली कर्मचारी हाथों में तख्ती लिए थे, जिसमें लिखा था, कॉरपोरेट के दबाव में निजीकरण स्वीकार्य नहीं, स्वीकार्य नहीं। शैलेंद्र दुबे ने आरोप लगाया...