लखनऊ, फरवरी 16 -- विद्युत मजदूर संगठन ने पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत निगम के निजीकरण प्रक्रिया का विरोध किया है। संगठन के अध्यक्ष विमल चंद्र पांडेय ने बिजली के निजीकरण से किसान और घरेलू और कॉमर्शियल उपभोक्ताओं की बिजली की दरें महंगी हो जाएंगी। इसके अलावा नियमित कर्मचारियों की सेवा शर्तें प्रभावित होंगी। साथ ही कर्मचारियों की छंटनी होना तय है। रविवार को नरही स्थित केंद्रीय कार्यालय में बैठक को संबोधित करते हुए वरिष्ठ नेता आरएस राय ने कहा कि निजीकरण से हजारों की संख्या में संविदा कर्मी बेरोजगार हो जाएंगे। ऐसे में बिजली के निजीकरण को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों के हितों को देखते हुए निजीकरण की चल रही प्रक्रिया तत्काल निरस्त की जाए। बैठक में अरुण कुमार, शोएब हसन, आरसी पाल, इंद...