लखनऊ, मई 13 -- विद्युत नियामक आयोग द्वारा प्रदेश की बिजली कंपनियों द्वारा दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) स्वीकार किया जा चुका है। जून में बिजली दरों पर सुनवाई होनी है। इससे पूर्व उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने मंगलवार को नियामक आयोग में एक लोक महत्व प्रस्ताव दाखिल किया। उन्होंने इसके जरिए निजीकरण की प्रक्रिया को नियम विरुद्ध बताते हुए अविलंब रोक लगाए जाने की मांग की। आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात के दौरान परिषद अध्यक्ष ने कहा कि जिन कंपनियों का एआरआर स्वीकारा गया है, उनमें दक्षिणांचल व पूर्वांचल भी शामिल हैं। सभी बिजली कंपनियों ने वर्ष 2025-26 के लिए अपना व्यवसाय करने हेतु अपनी आय-व्यय का लेखा-जोखा आयोग के सामने प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि दो बिजली कंपनियों दक्...