लखनऊ, जुलाई 31 -- उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा है कि प्रदेश के 42 जनपदों के निजीकरण का मसौदा तैयार करने वाले ग्रांट थॉर्नटन व पावर कारपोरेशन के कुछ उच्चाधिकारियों की मिलीभगत के चलते बिजली कंपनियों को कम लागत में बेचने की साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की बिजली कंपनियों की जो कुल संपत्तियां हैं, वह बहुत ज्यादा हैं। उसे गलत तरीके से आंकलित किया जा रहा है। पावर कारपोरेशन प्रत्येक वित्तीय वर्ष में एक स्वतंत्र ऑडिटर के माध्यम से ऑडिट कराता है। स्वतंत्र ऑडिटर द्वारा 11 जून को अपनी रिपोर्ट पावर कारपोरेशन को सौंप दी गई है उसमें 31 मार्च 2025 तक बिजली कंपनियों की कुल संपत्तियां 1 लाख 80625 करोड़ हैं। जिसमें मध्यांचल विद्युत वितरण की संपत्ति 42700 करोड़, पूर्वांचल कंपनी की 53234 करोड़, पश्चिमांचल की 44176 करोड़, दक...