बिजनौर, मई 29 -- विश्व पाचन दिवस के अवसर पर सामने आए आंकड़े और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय चिंताजनक तस्वीर पेश करती है। मेडिकल कालेज से संबद्ध जिला अस्पताल तक पाचन संबंधी मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है, जिसमें युवा सबसे अधिक प्रभावित हैं। एक सर्वे के अनुसार, लगभग 30% युवा तनाव के कारण पाचन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। वहीं, बच्चों में फास्ट फूड के बढ़ते चलन को दूसरे सबसे बड़े कारण के रूप में देखा जा रहा है। शहर के जाने-माने फिजीशियन डा. राहुल बिश्नोई बताते हैं, कि आजकल युवाओं में तनाव का स्तर काफी बढ़ गया है। पढ़ाई का दबाव, करियर की चिंताएं और अनियमित जीवनशैली सीधे तौर पर उनके पाचन तंत्र को प्रभावित कर रही हैं। तनाव के कारण पेट में एसिड का उत्पादन बढ़ जाता है, जिससे अपच, गैस, कब्ज, और यहां तक कि अल्सर जैसी समस्याएं भी हो सकती ह...