लोहरदगा, सितम्बर 10 -- लोहरदगा, संवाददाता। गत कुछ वर्षों से जिले में लोहरदगा जिले में आत्महत्या की घटनाएं बढ़ी हैं। आत्महत्या करने वालों में एक बड़ा वर्ग किशोर और युवाओं का है जो पारिवारिक रोक-टोक और दबाव की वजह से आत्महत्या का मार्ग चुन रहे हैं। वहीं अधिक उम्र के लोग घरेलू कलह, आपसी तालमेल की कमी और आर्थिक दबाव के कारण आत्महत्या की राह अख्तियार कर रहे हैं। परिवार टूट रहे हैं, सामाजिक ताना-बाना कमजोर हो रहा है और लोग एकाकी होते चले जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते काउंसलिंग और मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों तो जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। हम अपनो के साथ बैठें, उनकी समस्याएं सुने और उनका हौसला बढायें। आंकड़े चौंकाने वाले हैं। जिले के सदर अस्पताल में प्रति दिन आत्महत्या में प्रयास का एक-दो मामला जरूर आता है। जिसमें अधिकांश...