मुजफ्फरपुर, नवम्बर 15 -- मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। जिले में कई ऐसे मामले आ रहे हैं, जहां वाहन विक्रेता अपने वाहन बेच तो देते हैं, लेकिन खरीदार ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी करने में देरी करते हैं। इस बीच यदि उस वाहन से कोई हादसा या अपराध हो जाता है तो वाहन के पुराने मालिक की ही जिम्मेदारी बन जाती है। क्योंकि कागजों में वाहन उन्हीं के नाम होता है। दिल्ली में कार में हुए कार धमाके से यहां वाहन बेचने वालों की चिंता गहरा गई है। परिवहन कार्यालय के पचरे से परेशान होकर पुरानी कार बेचने वाले सिर्फ स्टांप पेपर पर बिक्री का अनुबंध कर वाहन दे देते हैं। अभी दिल्ली में कार ब्लास्ट की जांच में खुलासा हुआ कि ब्लास्ट में इस्तेमाल कार चार बार बिक चुकी थी। मगर डीटीओ में कभी ट्रांसफर नहीं हुआ था। इस घटना के बाद मुजफ्फरपुर के वाहन विक्रेताओं में भी चिंता बढ़ी है...