बागपत, नवम्बर 8 -- यमुना, हिंडन और कृष्णी नदी की बाढ़ ने किसानों की कमर तोड़ थी, अब रही कसर मिल पूरी कर रहे है। बाढ़ की मिट्टी से सने हुए गन्ने के अधिकारियों ने एतराज जताया है। इससे किसानों पर और भी आर्थिक मार पड़ रही है। मिल से गन्ना नहीं लिया तो परेशानी और बढ़ेगी। यमुना में आइ बाढ़ से खादर क्षेत्र में खेती करने वाले किसानों पर पड़ी है। रही। बागपत चीनी मिल क्षेत्र के गांवों में यमुना बाढ़ डेढ लाख कुंतल से अधिक गन्ना यमुना में बह गया था और कुछ यमुना में ही समा गया था। इससे सैकड़ों किसानों को करोड़ों रुपये का नुसान पहुंचा है। यमुना का रौंद्र रूप शांत हुआ तो यमुना की तलहटी में समाए गन्ने को किसानों ने निकाला। अब गन्ने की पेराई शुरू हुई तो किसानों को लगा कि मिल में कुछ बाढ़ में बचा गन्ना चला जाएगा तो इससे थोड़ा आर्थिक बोझ कम हो जाएगा, लेकिन मिल अधिकारिय...