लखनऊ, मई 24 -- लखनऊ, वरिष्ठ संवाददाता। केजीएमयू में मरीजों को बाहर से दवा लिखने वाले डॉक्टरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसके लिए केजीएमयू प्रशासन ने प्रिसक्रप्शन (डॉक्टर द्वारा पर्चे पर लिखी दवा) ऑडिट शुरू करा दिया है। इसकी शुरुआत हड्डी रोग विभाग से हो गई है। मनचाही कंपनियों की दवा लिखने वाले डॉक्टर भी निशाने पर होंगे। मरीजों को सस्ती व गुणवत्तापरक दवाएं मुहैया कराने के लिए एचआरएफ के काउंटर खोले गए हैं। इसके बावजूद डॉक्टर मरीजों को बाजार की दवाएं लिख रहे हैं। इसका खामियाजा गरीब मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। मरीज महंगी दवाएं खरीदने को मजबूर हैं। जबकि एचआरएफ के काउंटर पर नामचीन कंपनियों की दवाएं, स्टंट व सर्जिकल सामान उपलब्ध हैं। इसके बावजूद सॉल्ट के बजाए ब्रेंड नाम से दवाएं मरीजों को खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। कई डॉक्टरों की ...