मुजफ्फरपुर, अगस्त 8 -- मुजफ्फरपुर, हिप्र। चाइल्ड ट्रैफिकिंग (बाल तस्करी) के मामलों में स्पीडी ट्रायल। इन मामलों की प्रतिदिन सुनवाई कर छह महीने में निष्पादन किया जाएगा। हाईकोर्ट ने ऐसे मामलों की रिपोर्ट हर महीने की पांच तारीख को भेजने का निर्देश दिया है। इसकी निगरानी भी की जाएगी। विभिन्न जिलों में आर्केस्ट्रा में काम करने के नाम पर 18 वर्ष से कम आयु की बच्चियों की ट्रैफिकिंग का मामला सामने आता रहा है। बाद में उसका यौन शोषण व उत्पीड़न होता है। इसके अलावा तस्करों का गिरोह बच्चियों की तस्करी को लेकर भी सक्रिय रहता है। इन बच्चियों को दलालों के हाथों बेच दिया जाता है। बाद में उन्हें वेश्यवृति के धंधे में धकेल दिया जाता है। कभी कोई गिरोह पकड़ाता है तभी पुलिस सक्रिय होती है। ऐसे मामलों की जांच भी पुलिस समय से नहीं करती है। आरोपितों के विरुद्ध चार...