चंदौली, सितम्बर 1 -- धानापुर, हिन्दुस्तान संवाद। गंगा का पानी अब घटने लगा है, लेकिन किसानों के हजारों एकड़ खेत अब भी बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। गंगा की बाढ़ ने पहली दफा में ही ज्वार-बाजरा की फसल को खराब कर दिया। जो धान की फसल बाढ़ से उबर रही थी, वह भी दोबारा आई बाढ़ के पानी में गल कर नष्ट हो गई। आलम यह है कि बाढ़ में केवल लोगों की गृहस्थी और फसलें ही नहीं तबाह हुईं। बल्कि अब घर चलाने की चिंता सताने लगी है। भले ही गंगा नदी में आई बाढ़ अब धीरे धीरे घट रही है। किंतु हिंगुतर से लेकर निधौरा के बीच फैला हजारों एकड़ का ताल अभी तक बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है। इसके ऊपरी भूभाग में बोये गए तिल, अरहर, ज्वार और बाजरा आदि की फसल तो पहली ही बार आई बाढ़ के पानी मे गलकर नष्ट हो गईं। वहीं फेटे में रोपे गये धान की फसलें अभी तक पानी में डूबी हुई हैं। ये फसलें तो ...
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