नई दिल्ली, अगस्त 9 -- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विधि स्नातकों से राज्य बार काउंसिल या 'बार काउंसिल ऑफ इंडिया' द्वारा वैधानिक शुल्क के अलावा कोई अन्य 'वैकल्पिक शुल्क नहीं वसूला जा सकता। शीर्ष अदालत ने इसी के साथ कर्नाटक राज्य बार काउंसिल से ऐसी कोई भी राशि वसूलना बंद करने को कहा है। न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने के. एल. जे. ए. किरण बाबू की एक अवमानना याचिका पर यह निर्देश दिया। याचिका में आरोप लगाया गया था कि राज्य बार काउंसिल, विशेषकर कर्नाटक राज्य बार काउंसिल द्वारा विधि स्नातकों से नामांकन के लिए अत्यधिक शुल्क नहीं लेने के इस अदालत के पिछले साल जुलाई के निर्देशों का अक्षरशः पालन नहीं किया जा रहा है। 'बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने अपने हलफनामे में कहा कि सभी राज्य बार काउंसिल सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पाल...