सहरसा, सितम्बर 12 -- कहरा, एक संवाददाता। बुधवार की रात हुई बारिश ने खरीफ धान की फसल में नई जान फूंक दी है। लंबे समय से बारिश नहीं होने के कारण खेतों में लगे धान के पौधे पीले पड़ने लगे थे और किसान चिंता में डूबे थे। लेकिन देर रात हुई झमाझम बारिश ने न केवल खेतों की नमी को बहाल कर दिया, बल्कि किसानों के चेहरे पर भी मुस्कान लौटा दी है। किसानों का कहना है कि धान की अच्छी फसल के लिए खेत में कम से कम दो से तीन इंच पानी का होना जरूरी है। बारिश के अभाव में खेत सूखने लगे थे और धान की बिचड़ा रोपाई करने वाले किसान परेशान थे। बारिश नहीं होने के कारण कई किसान पम्पसेट से खेत में पटवन करा रहे थे। अधिकांश किसान पम्पसेट का खर्च नहीं उठा पा रहे थे, जिससे उनकी फसल लगभग सूखने की कगार पर पहुंच गई थी। गांव के छोटे और मध्यम वर्गीय किसान पूरी तरह बारिश पर ही निर्...