चतरा, जून 28 -- सिमरिया प्रतिनिधि आषाढ़ महीने की बारिश धरती पर पड़ते ही गाँव की सूनी पगडंडियों पर एक बार फिर हल और बैल की चहल-पहल लौट आई। बादलों की बौछार ने न सिर्फ़ खेतों की प्यास बुझाई, बल्कि किसानों के मन में भी नई उम्मीदें जगा दीं। गाँव के कई हिस्सों में किसान अपने पारंपरिक बैलों के साथ खेतों की जुताई में जुटे दिखाई दे रहे हैं। हल चलाने के बाद अब किसान धान की बुवाई की तैयारी कर रहे हैं। स्थानीय किसान शंकर सिंह ने बताया कि इस बार वर्षा समय पर हुई है। जिससे जुताई कार्य में कोई बाधा नहीं आ रही। पिछले कुछ वर्षों से बारिश देर से हो रही थी, जिससे फसलें प्रभावित हो रही थीं। अब समय पर पानी मिलने से अच्छी पैदावार की उम्मीद है। वहीं एक अन्य किसान शंभु पाठक ने कहा कि इस बार वर्षा थोड़ी ज्यादा हो गई है। ऐसे में बैलों की घंटियों की टन-टन और मिट्टी की...