बक्सर, अगस्त 3 -- पेज 5, डुमरांव, निज संवाददाता। बारिश नहीं होने और पानी का लेयर नीचे चले जाने से खेती प्रभावित थी। वहीं, नहरों में पानी नहीं आने से किसान धान की रोपनी के लिए काफी चिंतिंत थे। संभ्रांत किसान बारिंग से जहां पटवन कर रोपनी को शुरू कर दिए थे। वहीं गरीब किसान आसमान से बारिश आने का इंतजार कर रहे थे। बीते शनिवार को जमकर बारिश हुई। किसान रविवार की सुबह जब खेत पर पहुंचे तो खेतों में पानी देखते ही उनका चेहरा खिल उठा। इसके बाद रोपनी का काम शुरू कराया। रोपनी करने के दौरान मंगल गीतों से खेत गुलजार हो उठे। मालूम हो कि, डुमरांव प्रखंड में 12 हजार 5 सौ हेक्टेयार में धान की खेती होती है। प्रखंड के अधिकांश किसान खेती पर ही निर्भर हैं। लिहाजा, बारिश नहीं होने और नहरों में पानी नहीं आने से उन्हें रोपनी की चिंता सताने लगी थी। खेतों में बिचड़ा ...