बाराबंकी, मार्च 19 -- हैदरगढ़। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम भारतीय चेतना के नायक हैं। यह विचार मानस मर्मज्ञ रामेश्वर प्रसाद द्विवेदी प्रलयंकर ने बहुता धाम में आयोजित राम चरित मानस सम्मेलन के तीसरे दिन कही। उन्होंने कहा कि राम प्राणिमात्र के अस्तित्व के पोषक हैं। भारत मर्यादा व सदाचार प्रधान राष्ट्र है। यही कारण है कि भारत कभी किसी देश पर आक्रमण नहीं करता। सुकृपा दास ने कहा कि नाम जाप साधना का प्रथम सोपान है। महन्त जी ने बताया कि मन की गति बड़ी तीव्र है। वेद, पुराण व गीता आदि शास्त्रों में मन को इधर उधर सांसारिक प्रपंचों और विषयों की ओर भागने से रोकने के लिए भगवान के स्वरूप का ध्यान करते हुए नाम जप करने का विधान है। प्रोफेसर जितेन्द्र सिंह नाथ पाण्डेय ने हनुमान जी के व्यापक व्यक्तित्व की विवेचना की। कहा कि उनमें पराक्रम और साधुता के गुण विद्यम...