बाराबंकी, अगस्त 14 -- आजादी का पर्व करीब है, लेकिन जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की याद में बने स्मारक उपेक्षा की धूल में दबे हैं। कहीं साफ-सफाई नहीं, तो कहीं रंग-रोगन सालों से नहीं हुआ। हरियाली और प्रकाश व्यवस्था का हाल भी बदहाल है। जिम्मेदार विभागों की अनदेखी के चलते ये स्थान अब सिर्फ पत्थरों का ढांचा बनकर रह गए हैं, जबकि इनका उद्देश्य आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करना था। नगर पंचायत, नगर पालिका और ग्राम पंचायत स्तर पर इन स्थलों की देखरेख की जिम्मेदारी तय है, लेकिन न तो नियमित सफाई होती है, न ही पेयजल और प्रकाश की व्यवस्था। कई स्मारकों पर झाड़ियां उग आई हैं, वहीं शिलापट धुंधले पड़ गए हैं। बाराबंकी बोले: स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के स्मारकों का रखरखाव नहीं बाराबंकी। स्थानीय स्कूली बच्चों, युवाओं और आम लोगों को इन स्थलों के इतिहास ...
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