बाराबंकी, मार्च 19 -- बाराबंकी। पक्षियों के प्रति प्रेम का असर जिले में कई क्षेत्रों में दिख रहा है। संस्थाओं के साथ-साथ कुछ लोगों द्वारा चलाई जा रही गौरैया संरक्षण की मुहिम का असर देखने को मिल रहा है। गायब हो चुकी बचपन की गौरैया की चहचहाहट फिर मुंडेरों पर गूंजने लगी है। लोग जागरूक हुए हैं, किसी ने घर के बरामदों में लकड़ी के घोसले लगा दिए हैं, तो कोई रोजना मिट्टी के बर्तन में पानी व खाना रखकर गौरैया संरक्षण के लिए प्रयास में जुटा है। शिवानी के प्रयासों से छतों पर गौरैयों का दिखता है झुण्ड: बंकी ब्लॉक के रसूलपुर गांव में रहने वाली शिवानी वर्मा बताती हैं कि करीब 11 साल से गौरैया संरक्षण की मुहिम चला रही हैं। एक वाकया बताते हुए कहा कि वह एक बार छत पर भोजन कर रही थीं, तभी एक गौरैया छत की मुंडेर पर बैठी दिखी। चावल छत पर डाला तो उसके पास तीन चार...