बाराबंकी, सितम्बर 28 -- मसौली (बाराबंकी)। बिना विष्य विशेषज्ञ शिक्षकों के छात्र प्रयोगशाला में अगर कोई प्रयोग करें, या फिर जीव व भौतिक विज्ञान के शिक्षकों के बजाए गणित व अन्य विषयों के शिक्षकों के जिम्मे प्रयोगशाला हो तो वहां कि छात्रों को विषय का तकनीकी ज्ञान कैसा होगा, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। शहर से सटे जीआईसी शहावपुर में कुछ ऐसी ही समस्याओं से छात्रों को गुजरना पड़ रहा है। दूरस्थ इंटर कॉलेजों का हाल शायद इससे भी खराब हो। लेकिन जिम्मेदार छात्रों के भविष्य के प्रति गंभीर नहीं दिख रहें हैं। राजकीय इण्टर कालेज शहावपुर में 590 छात्र-छात्राओं का पंजीकरण है। छात्रों के शिक्षण कार्य के लिए 16 शिक्षकों के पद हैं, लेकिन तैनाती सिर्फ नौ शिक्षकों की है। यहां पर हिन्दी, अंग्रेजी व फिजिक्स के शिक्षक नहीं हैं। कमेस्ट्री की एक शिक्षिका वंद...