बाराबंकी, सितम्बर 28 -- देवा शरीफ। गोल्ड फिश, ब्लैक फिश और तैमूर मछलियां अब देवा में गुजरे जमाने की बात होती जा रही हैं। कभी टिकट लेकर लोग इन मछलियों को देखने के लिए आत थे। लेकिन विभागीय उपेक्षा के चलते देवा मेला में रौनक में बिखेरने वाला मछली घर बंद क्या हुआ अब कीमती मछलियों का दीदार भी वक्त के गर्त में समा गया है। गौरतलब है कि देवा मेला में रौनक बिखेरने वाला बंद पड़ा मछली घर विभागीय अधिकारियों और मेला कमेटी की लापरवाही के कारण आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। मछली रखने वाले इकोरियम टूटे पड़े हैं। वाटर सप्लाई नाल तोड़कर गायब कर दिए गए हैं और छत पर घास उग आई है। देवा मेला में रौनक बढ़ाने के मद्देनजर सन 1985 में जिला अधिकारी राधेश्याम अग्रवाल ने मत्स्य पालक विकास विभाग और मेला कमेटी के सहयोग से लाखों रुपयों की लागत से मछली घर बनवाया था। मछली...
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