हजारीबाग, दिसम्बर 18 -- हजारीबाग वरीय संवाददाता हजारीबाग के प्रथम सांसद, स्वतंत्रता सेनानी और संविधान सभा के सदस्य बाबू रामनारायण सिंह की 140वीं जयंती 19 दिसंबर को है। उनका व्यक्तित्व इतना निर्भीक और सिद्धांतनिष्ठ था कि एक समय ऐसा भी आया, जब उन्हें जेल से रिहा कराने के लिए देश के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को स्वयं हस्तक्षेप करना पड़ा। 1956 में मथुरा में गोहत्या के विरोध में दिए गए एक प्रखर भाषण के बाद बाबू रामनारायण सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। मामला इतना संवेदनशील और गंभीर था कि देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को स्वयं इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा। राष्ट्रपति की पहल पर 31 मई 1956 को उनकी रिहाई संभव हो सकी। यह घटना बताती है कि बाबू रामनारायण सिंह केवल एक सांसद नहीं, बल्कि राष्ट्रीय महत्व के ऐसे नेता थे, जिनक...