घाटशिला, अगस्त 20 -- घोड़ाबांधा में रामदास सोरेन को श्रद्धांजलि देने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि प्रकृति की गोद में बाबा दिशोम गुरुजी के चले जाने के बाद रामदास दा का इस तरह से चले जाने की पीड़ा मेरे लिए अत्यंत असहनीय है। कहा कि यह जो शून्यता बनी है, इसकी भरपाई शायद ही कभी हो पाएगी।स्मृति शेष बाबा दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नेतृत्व में लंबे समय तक चले झारखण्ड अलग राज्य आंदोलन में स्व रामदास दा का अहम योगदान था। उनका व्यवहार काफी सरल और सहज था। एक क्रांतिकारी-आंदोलनकारी के साथ-साथ उनका सामाजिक सरोकार काफी व्यापक था। वे अपने सार्वजनिक जीवन में लोगों के दुःख-दर्द और समस्याएं को दूर करने के लिए हमेशा खड़े रहते थे।राज्य में शिक्षा व्यवस्था को उत्कृष्ट बनाने को लेकर भी वे सजग रहते थे। शिक्षा को और कैसे बेहतर बनाया जाए, राज्य के हमारे ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.