प्रमोद डालाकोटी। हल्द्वानी, जुलाई 10 -- उत्तराखंड में शिक्षा विभाग के भी गजब हाल हैं। एक ओर विभाग ने बच्चों के बस्ते का वजन कम करने को मानक तय किए हुए हैं, दूसरी ओर खुद ही बच्चों पर बस्ते का बोझ बढ़ाने पर आमादा है। आप हैरान रह जाएंगे कि कक्षा छह की विज्ञान की किताब 500 पेज की हो गई है और जब इसका वजन कराया गया तो एक किताब ही सवा किलो की निकली।क्यों हुआ ऐसा? यह हुआ है, स्कूलों में हिन्दी और अंग्रेजी में द्विभाषी किताबें लागू करने के चलते। इस कारण कई किताबों के पेज दोगुने हो गए हैं। इतना ही नहीं, स्थिति यह है कि स्कूल में बच्चे के बस्ते के वजन का मानक जो विभाग ने तय किया है, उससे कहीं अधिक खुद सरकारी स्कूलों में बच्चों के बस्ते का वजन हो गया है। हल्द्वानी में कई छोटे बच्चों को स्कूल जाते और लौटते वक्त भारी बस्तों के साथ चलते देखा जा सकता है।...
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