वाराणसी, जून 22 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। बापू की आलोचना कोई विधर्मी करे तो लगता है भाई ये तो विरोधी हैं कर रहे होंगे। जिनको हम अपने सनातनी कहते हैं वे तनातनी क्यों करते हैं। ये बातें योग गुरु बाबा रामदेव ने कहीं। वह रविवार को मानस सिंदूर कथा के अंतिम दिन सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में बोल रहे थे। बाबा रामदेव ने कहा कि मैं किसी की आलोचनाओं का उत्तर देने नहीं आया हूं। न तो बापू को इतनी फुर्सत है कि किसी की आलोचनाओं को सुनें। बापू को तो अच्छा करने से ही फुर्सत नहीं है। तो बुरी बातों को सुनने और प्रतिक्रिया देने की कोई जरूरत ही नहीं है। बापू हमेशा कहते हैं मैं तो संवाद का व्यक्ति हूं फिर भी कोई विवाद करे तो ये उसका विवेक है। बापू मात्र एक व्यक्ति नहीं हैं। बापू सनातन संस्कृति और विश्व की एक धरोहर हैं। उन्होंने कहा कि बापू में रा...