नई दिल्ली, दिसम्बर 1 -- अभिषेक झा/रौशन किशोर नई दिल्ली। देश के श्रमबल में अच्छे वेतन वाली नौकरियों में महिलाओं की भागीदारी बेहद कम है। घर- परिवार का बोझ इसकी एक बड़ी वजह है। इसके बावजूद महिलााएं चुनौतियों को पीछे छोड़ते हुए खुद को आगे बढ़ाने में जुटी हैं, लेकिन बढ़ती उम्र के साथ वेतनभोगी महिलाओं की संख्या कम है। अब नए श्रम कानून से कुछ बेहतर की उम्मीद है। आइए जानते हैं श्रम बल में आधी आबादी की क्या भूमिका है और उसकी स्थिति क्या है? 1.पुरुषों की तुलना में वेतनभोगी महिलाएं कम देश में पुरुषों की तुलना में वेतनभोगी महिलाओं की संख्या कम है ये पहले से स्पष्ट है। श्रमबल भागीदारी दर (एलएफपीआर) के अनुसार महिलाओं की भागीदारी 31 फीसदी है, जो पुरुषों की तुलना में 28 फीसदी कम है। इस कमी का बड़ा कारण महिलाओं के कंधे पर घर का कामकाज और परिवार की देखभाल ...
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