सिद्धार्थ, अक्टूबर 31 -- सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता। जिला हर साल बाढ़ की मार झेलता है लेकिन बार कई साल बाद ऐसा मौका रहा जब जिले को बाढ़ की मार झेलनी नहीं पड़ी। बाढ़ के पानी में डूब कर हजारों एकड़ धान की फसल डूब कर बर्बाद हो जाती थी। किसान बाढ़ न आने से खुश थे कि अच्छा उत्पादन होगा लेकिन बेमौसम की बारिश ने एक बार फिर उसकी किस्तम के साथ दगा कर दिया इससे किसानों में निराशा छा गई है। जिले में बहने वाली दर्जन भर नदियां व नालों का उदगम स्थल नेपाल होने से वहां की पहाड़ियों पर बारिश होते ही जिले का तीन चौथाई हिस्सा डूब जाता है। हालत यह होती है कि हजारों एकड़ फसल बाढ़ के पानी में डूब जाती है। पानी का तीन दिन से अधिक ठहराव होने पर वह पीली पड़ कर सड़ जाती है। इस बार बाढ़ ने दस्तक तो दी लेकिन उसका असर किसानों पर बिल्कुल ही नहीं रहा। मामूली बाढ़ से फ...