मुजफ्फरपुर, फरवरी 20 -- मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। साहित्य गाथा की ओर से गुरुवार को डॉ. भावना द्वारा संपादित इक्कीसवीं सदी की प्रेम गजलें ''हमन है इश्क मस्ताना'' का लोकार्पण किया गया। जीरोमाइल स्थित आंच वेब पत्रिका के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में शहर के साहित्यकारों की मौजूदगी रही। डॉ. रवींद्र उपाध्याय ने कहा कि प्रेम जिंदगी में शामिल है और साहित्य का प्रतिबिंब है। डॉ. रामेश्वर द्विवेदी ने कहा कि प्रेम दुनिया का सबसे बड़ा जादू है। डॉ. जियाउर रहमान जाफरी ने कहा कि प्रेम को आंख से और आंख को प्रेम से अलग नहीं किया जा सकता। आज स्त्री न सिर्फ प्रेम बल्कि जीवन का सुख-दुख और दुनियादारी भी अपनी गजलों के माध्यम से व्यक्त करती है। राहुल शिवाय ने कहा कि जब भी कविताओं की बात चली हमने अपने किनारे चुन लिये, हमारा संबंध कविता से वही है, जो संबंध म...