लखनऊ, मार्च 6 -- रहमान खेड़ा के जंगल में बाघ की लुकाछिपी को खेल खत्म हो गया। इसी के साथ 11 ग्राम पंचायतें और 35 गांवों में बाघ की दहशत का अंत भी गया। इससे ग्रामीणों की बिगड़ी हुई दिनचर्या सामान्य हो गई। बुधवार की शाम बाघ के पकड़े जाने की खबर से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली और बाघ से सबसे ज्यादा प्रभावित मीठे नगर, उलरापुर और दुगौली गांव के बच्चों से लेकर महिलाएं, बुजुर्ग और बागवानों ने जश्न मनाया। बाघ पकड़े जाने के लगभग दो माह बाद प्राइवेट स्कूल खुले तो बच्चे खुशी-खुशी अपने स्कूल पहुंचे। लेकिन सरकारी प्राइमरी स्कूल खोलने का आदेश न होने के कारण बच्चे स्कूल पहुंचकर मायूस होकर घर लौट गए। महिलाएं अपने खेत पहुंचकर मवेशियों के लिए हरा चारा सिर पर खुशी-खुशी लाती नजर आई। वहीं मीठे नगर निवासी मन्नू ने बताया कि कृषि कार्य शुरू हो गए है। बाघ की दहशत से...
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