लखीमपुरखीरी, जुलाई 14 -- गोला पश्चिमी और मैलानी वनक्षेत्र के जटपुरा बीट में बाघ के गांव में घुसकर पालतू पशुओं को शिकार बनाए जाने के बढ़ते मामलों से ग्रामीणों और वनकर्मियों के बीच बढ़ते टकराव को देखते हुए वन विभाग के उच्चाधिकारी पूरे दिन बाघ की लोकेशन जानने और उसे पकड़ने की कवायद करते रहे। गोला पश्चिमी बीट के रत्नापुर गांव में बाघ ने 23 जून को 12 वर्षीय प्रदीप कुमार पर हमले किए जाने के बाद वन विभाग को बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की स्वीकृति मिल गई थी। कई दिनों तक डॉ दया शंकर तथा वनकर्मी ड्रोन उड़ाकर बाघ को पकड़ने की कवायद करते दिखे थे, परन्तु उसके बाद बारिश के कारण खेतों में पानी भर जाने से बाघ ने स्थान बदल दिया। लगभग दो सप्ताह बाद वह महरताला तथा झंझट पुरवा गांव के पास दिखाई देने लगा। सोमवार को डीएफओ संजय विश्वाल एवं गोला रेंज ऑफिसर संजीव कुमा...